आइये देखें कि मानव जीवन के कौन-कौन से क्षेत्र हैं, जिन्हें पूर्ण बनाने, अधिक प्रभावी एवं उपयोगी बनाने के लिए इनमें वैदिक ज्ञान का समावेश करने की आवश्यकता है। ये क्षेत्र हो सकते हैं शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पर्यावरण एवं वन, सरकार, सुरक्षा, प्रशासन, प्रबंधन, अर्थव्यवस्था, वित्त, मानव संसाधन विकास, विधि एवं न्याय, व्यवसाय एवं वाणिज्य, व्यापार एवं उद्योग, संस्कृति, वास्तुकला, पुनर्वास, राजनीति, धर्म, कला एवं संस्कृति, संचार, सूचना एवं प्रसारण, विदेश नीति, विज्ञान एवं तकनीकी, युवा कल्याण, समाज कल्याण, प्राकृतिक संसाधन, ग्राम विकास, महिला एवं बाल कल्याण ।
वैदिक सिद्धांत एवं प्रयोग जीवन के इन क्षेत्रों को परिपूर्ण एवं सशक्त करेंगे एवं सत्व का अमिट प्रभाव राष्ट्रीय जीवन के प्रत्येक रेशे में प्रवेश कर, राष्ट्रीय चेतना का नवीन जागरण करेगा, शुद्धता उदित होगी एवं भारत अधिक सुदृढ़ एवं तेजस्वी होगा । भारतीय प्रशासकों का व्यक्तिगत अहम् राष्ट्रीय अहम् तक ऊपर उठेगा, राष्ट्रीय अहम् वैश्विक अहम् तक ऊपर उठा देगा वे प्राकृतिक विधान के प्रशासक होंगे, प्रत्येक नागरिक के प्रगति मार्ग को समर्थित एवं गौरवान्वित करेंगे एवं भारत में भारतीय प्रशासन को सृजित करेंगे ।