श्री गुरुदेव ब्रह्मानन्द सरस्वती जी के आशीर्वाद से और उनकी प्रेरणा स्वरूप पूज्य महर्षि महेश योगी जी ने 57 वर्ष पूर्व विश्व व्यापी आध्यात्मिक पुनरुत्थान आंदोलन की स्थापना की और सम्पूर्ण विश्व के कोने-कोने में स्वयं निरन्तर भ्रमण करके आध्यात्मिक और आधिदैविक क्रान्ति का शंखनाद किया ।
भारतीय शाश्वत् सनातन वेद और वैदिक वाघ्मय के आत्म-चेतना जागरणकारी जीवन परक सिद्धांत और प्रयोग करोड़ों व्यक्तियों को उपलब्ध कराकर उनके जीवन में आध्यात्मिक, आधिदैविक और आधिभौतिक तत्वों का संतुलित अनुपात में समावेश और सामंजस्य स्थापित किया। महर्षि जी प्रणीत भावातीत ध्यान (Transcendental Meditation) तथा पतञ्जलि योग सूत्रों पर आधारित सिद्धि कार्यक्रम 700 से भी अधिक वैज्ञानिक अनुसंधानों तथा शोध प्रबन्धों द्वारा विश्व के 32 देशों में स्थित 250 शोध संस्थानों और विश्वविद्यालयों द्वारा प्रमाणित हुआ। महर्षि जी ने समस्त मानव समाज के लिये धर्म अर्थ काम और मानव जीवन के परम लक्ष्य-मोक्ष का मार्ग प्रशस्त किया ।
वैदिक सिद्धांतों के आधार पर ही महर्षि जी ने विश्व परिवार में दीर्घकाल से अपेक्षित और प्रतीक्षित विश्व शांति और अजेयता स्थापित करने का प्रायोगिक कार्यक्रम बनाया और अनेक देशों में इस कार्य योजना का क्रियान्वयन सफलतापूर्वक प्रारम्भ हुआ। इस बीच प्रकृति पोषित स्वेच्छावश 5 फरवरी 2008 को महर्षि जी ने पृथ्वी लोक से स्वर्गलोक हेतु महाप्रयाण किया। महर्षि जी द्वारा 57 वर्ष पूर्व रोपित संकल्प पौधा उनके ही द्वारा अनवरत पोषण से विशाल ज्ञान वृक्ष हुआ है और उसमें आया विश्व शांति और अजेयता का महा ज्ञानफल अब हर व्यक्ति और राष्ट्र के लिये उपलब्ध है ।
समय की आवश्यकता है कि विश्व शांति के इस ज्ञानफल को विश्व के प्रत्येक नागरिक और राष्ट्र को हम उपलब्ध करायें और वर्तमान समय से लेकर पूरे भविष्य तक के लिये अक्षय विश्व शांति की स्थापना कर दें ।
हमारा यह संकल्प सम्पूर्ण मानव इतिहास के विशालतम शांति-महायज्ञ का संकल्प है और हमारा यह लक्ष्य अब तक का सर्वाधिक दुःसाध्य लक्ष्य है। इस लक्ष्य भेद के लिये हमें वैदिक गुरु परम्परा, श्री गुरुदेव और महर्षि जी का दैवीय निर्देशन, कृपा और आशीर्वाद प्राप्त है। हमें दृढ विश्वास है कि इस पुण्य लक्ष्य की प्राप्ति अवश्य ही अतिशीघ्र होगी। यह प्राप्ति तभी होगी जब हम इस लक्ष्यभेद महायज्ञ का प्रारम्भ एक विश्व व्यापी आन्दोलन के रूप में करें। वैदिक परम्परानुसार हम गुरु पूजन कर उनके आशीर्वाद स्वरूप प्राप्त अब तक की सभी उपलब्धियों को अपने श्रीगुरुदेव के चरणों में अर्पित करते हैं ।
इस ‘ज्ञानयुग दिवस 2015’ के लिये हमारा संकल्प है कि हम वृहद स्तर पर भारत वर्ष में और महर्षि आदर्श भारत अभियान को प्रसारित करें और फिर सम्पूर्ण विश्व के लिये जीवन को आदर्श बनाने का कार्यक्रम प्रस्तुत करें । शान्त-प्रशान्त मानवीय चेतना के शांतिभाव को आधार बनाकर सारे विश्व में हम शान्ति का संदेश ले जायेंगे । भारतीय शाश्वत् ज्ञान के ओजमय-तेजमय प्रकाश की विजय पताका तमसयुक्त अज्ञानता पर फहरायेंगे । दुःख, निर्धनता, रोग, रजोगुणी, तमोगुणी चेतना तथा नकरात्मक प्रवृत्तियों को सुख, सम्पन्नता, स्वस्थ, सतोगुणी चेतना और सकारात्मक प्रवृत्तियों में कल्पित करेंगे। भूतल पर स्वर्ग का वातावरण हो और अब त्वरित प्रभाव से समस्त मानव जाति इस कलिकाल में सतयुग का सा जीवन लाभ उठाये, यह इस वर्ष का हमारा संकल्प है और कार्यक्रम है। हमारी इच्छा है कि भारत और सम्पूर्ण विश्व में जीवन आदर्श हो ।
विद्यालय, महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालय के विद्यार्थी व शिक्षक, चिकित्सक, अधिवक्ता, अभियंता, सनदी लेखाकार, शोधकत्रता, बुद्धिजीवी, कलाकार, सुरक्षा कर्मी, स्वयं सेवी, स्व-नियोजित व्यावसायी, निगम प्रमुख, सरकारी व निजी निकायों के उच्च श्रेणी के प्रबन्धक, सामाजिक कार्यकर्ता, राजनीतिज्ञ, पत्राकार, दुकानदार, घर पर रहने वाली माताएँ एवं कोई भी अन्य व्यक्ति और वेदभूमि- पूर्णभूमि-देवभूमि-ज्ञानभूमि भारत का प्रत्येक नागरिक विश्व शांति की स्थायी स्थापना एवं प्रत्येक व्यक्ति तथा विश्व परिवार के प्रत्येक राष्ट्र को अजेयता प्राप्त कराने में सहयोग के लिए महर्षि विश्व शांति आंदोलन में सम्मिलित होने हेतु सादर आमंत्रित है । महर्षि विश्व शांति आन्दोलन की योजना समस्त स्तरों पर होने वाली हिंसा एवं विध्वंस की गतिविधियों को शांति और अजेयता में परिवर्तित करने की है ।
महर्षि विश्व शांति आन्दोलन की योजना है कि भारत में चेतना पर आधारित शिक्षा- आत्मा पर आधारित शिक्षा- समत्व योग पर आधारित शिक्षा वाले महर्षि जी के शैक्षणिक संस्थानों का विस्तार किया जाये जिनमें भारत की जनसंख्या का एक प्रतिशत तक महर्षि भावातीत ध्यान करने वाले, तथा जनसंख्या के एक प्रतिशत के वर्गमूल बराबर सिद्धि सूत्रों तथा यौगिक उड़ान का अभ्यास करने वालों की संख्या पहुँचाकर हम सुनिश्चित हों कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एवं प्रत्येक राष्ट्र में शांति एवं पूर्ण अजेयता की स्थापना हो सके ।
महर्षि विश्व शांति आन्दोलन पौराणिक वैदिक एवं आधुनिकतम विज्ञान से प्रमाणित शांति विधान को उपयोग में लायेगा, जो कि गहराई से परीक्षित एवं पूर्ण रूपेण व्यवस्थित परस्पर सौह्राद्रता की और राष्ट्रीय सुरक्षा की तकनीक है ।
यह विधान सरल है एवं इसे केवल एक शब्द-‘‘निवारक’’ ;रोकथामद्ध में समझा जा सकता है। यह प्राचीन वैदिक तकनीक ‘‘हेयम् दुःखम्, अनागतम्’’ पर आधारित है। उस दुःख को रोकते हैं जो अभी आया नहीं है। यह तकनीक सभी व्यक्तियों एवं समस्त राष्ट्रों को अविलम्ब अजेयता प्रदान कर सकती है। इस सुरक्षा की तकनीक से प्रत्येक व्यक्ति एवं राष्ट्र को सभी प्रकार के आक्रमणों-सैनिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, संचार इत्यादि से सुरक्षा प्राप्त हो सकती है एवं समस्त राष्ट्रों में स्थायी शांति स्थापित हो सकती है। अतः निवारक तकनीक ही शांति, राष्ट्रीय सुरक्षा व अजेयता का केन्द्र बिन्दु होना चाहिए ।
अनेक शोध यह दर्शाते हैं कि शांति स्थापित करने के परंपरागत उपाय असफल हो चुके हैं क्योंकि वे तनाव, आतंकवाद, हिंसा एवं युद्ध के आधारभूत कारणों का विश्लेषण नहीं करते। वे प्रमुख राजनीतिक, जातीय एवं सामाजिक तनावों का विवेचन नहीं करते जो कि आतंकवाद, हिंसा व युद्ध के लिए ईंधन का कार्य करते हैं। महर्षि विश्व शांति आन्दोलन ‘‘क्वांटम भौतिकी’’ के अत्याधुनिक ज्ञान पर आधारित है। यह एक विज्ञान परक कार्यक्रम है जो कि प्रकृति के नियमों-ईश्वरीय इच्छा के पवित्रा अध्वगामी सिद्धांतों को उपयोग में लाता है, जो सिद्धांत प्रकृति की कार्य प्रणाली के मूल में हैं ।
यह नवीन विधान महर्षि जी की विश्व के लिए उस पुकार से प्रेरित है जिसमें युवा पीढ़ी का आह्वान किया गया है। विद्यार्थी समुदाय से शांति प्रयासों के लिए क्रांतिकारी पहल की अपेक्षा की गयी है। यह सर्वाधिक सशक्त माध्यम है जो युद्ध क्षेत्रों में अजेयता प्राप्त करने के लिए वैदिक तकनीक के रूप में सफलता पूर्वक प्रयोग की जा चुकी है ।
महर्षि विश्व शांति आन्दोलन मानवता के समस्त शुभचिंतकों को आमंत्रिात करता है कि वे अपने सम्पूर्ण विश्व परिवार के हित में परस्पर हाथ मिलायें। यदि आप में से प्रत्येक व्यक्ति इस आदर्श आन्दोलन में सम्मिलित होता है एवं 100 अन्य व्यक्तियों को इस आन्दोलन में सहभागिता के लिए प्रोत्साहित करता है तो यह विश्व एक भिन्न विश्व में परिवर्तित हो जायेगा। समस्त भावी पीढि़याँ समस्त भविष्य के लिए भारतवर्ष की ट्टणी होंगी, जिसने उन्हें अजेय एवं शांतिपूर्ण जीवन प्रदान किया, जहाँ किसी भी व्यक्ति का जीवन तनावशील, चिन्तायुक्त एवं संघर्षमय नहीं होगा, भूतल पर स्वर्ग का सा जीवन होगा ।
शांति प्रेमी सम्पूर्ण भारतवर्ष में फैले हुए हैं, परिणाम स्वरूप महर्षि जी के शांति एवं अजेयता के संदेश को अधिक से अधिक जनमानस तक पहुँचना सरल हो गया है। हम आधुनिकतम संचार तकनीक का प्रयोग करेंगे, जिससे शीघ्रता से अधिकाधिक संख्या में समाज के प्रत्येक क्षेत्र के नागरिकों तक यह संदेश पहुँचे और वे शांति आन्दोलन में सम्मिलित हों ।
देश में सभी प्रशासनिक स्तरों-ग्राम पंचायत से प्रारम्भ करते हुए ब्लाक स्तर, तहसील, जनपद, जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर प्रशासनिक ढांचा निर्मित है। शांति आंदोलन प्रत्येक प्रशासनिक स्तर पर महर्षि विश्व शांति राजधानी की स्थापना करेगा। प्रत्येक स्तर पर हम महर्षि विश्व शांति आन्दोलन समितियों का गठन करेंगे। कुछ उत्तरदायी सम्मानित नागरिक नेतृत्व सम्हालते हुए स्थानीय समिति के पदाधिकारी बन जायेंगे। समस्त सम्भव शांति प्रयासों के अतिरिक्त यह समितियाँ विश्व शांति एवं अजेयता के लिए भारतवर्ष की एक प्रतिशत जनसंख्या को भावातीत ध्यान एवं सिद्धि कार्यक्रम से जोड़ने के लक्ष्य को सुनिश्चित करने के साथ-साथ अपनी भौगोलिक सीमा के अन्दर अधिकतम संभावित संख्या में लोगों को समूह में भावातीत ध्यान, सिद्धि कार्यक्रम एवं योगिक उड़ान का प्रशिक्षण एवं अभ्यास करायेगी ।
महर्षि जी की दैवीय इच्छा के अनुरूप सभी महर्षि विश्व शांति राजधानियों में भावातीत ध्यान, सिद्धि कार्यक्रम एवं महर्षि वेद विज्ञान के शिक्षक होंगे। पूर्ण रूपेण प्रशिक्षित वैदिक पंडित अपने क्षेत्र के व्यक्तियों की एवं सामूहिक रूप से अपने पूरे क्षेत्र के लिए गृह शांति एवं वास्तु शांति के अनुष्ठान और यज्ञ करेंगे। स्वास्थ्य विशेषज्ञ महर्षि वैदिक स्वास्थ्य विधान से निवारक उपचार सम्बन्धी सलाह देने के लिये उपलब्ध होंगे । ज्योतिषी गृहों के नकारात्मक प्रभावों की यथासमय भविष्यवाणी करने एवं ग्रहों की शांति के लिए अनुष्ठान व यज्ञ कराने सम्बन्धी सलाह देंगे। गृहों, कार्यालयों, विद्यालयों, औद्योगिक भवनों के विन्यास, पुनर्निर्माण तथा नगर विन्यास सम्बन्धी वास्तु विद्या के सिद्धांतों के अनुरूप परामर्श देने के लिए स्थापति उपस्थित होंगे। प्रकृति में समन्वय के लिए गन्धर्व वेद पारंगतों -- भारतीय शास्त्राीय संगीत के कलाकारों का समूह होगा एवं महर्षि वैदिक कृषि तथा वागवानी के मार्गदर्शन के लिए जैविक कृषि विशेषज्ञ उपलब्ध होंगे ।
महर्षि विश्व शांति आन्दोलन विश्व के सभी देशों के साथ सम्पर्क स्थापित करेगा एवं समस्त देशों के लिए शांति एवं अजेयता की कार्य योजना का निर्धारण करेगा ।
आंदोलन के पदाधिकारी किसी भी रूप में शासन की कार्यप्रणाली एवं नीतियों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। निम्नलिखित तीन दिशा निर्देशों का सदैव ध्यान रखा जायेगाः
शांति आन्दोलन का ध्यान विद्यार्थी समुदाय पर होगा, जिसमें पूर्व-प्राथमिक कक्षाओं से लेकर विद्यावारिधि स्तर के विद्यार्थी शामिल हैं। विद्यार्थियों पर ध्यान केन्द्रित हम इस विश्वास से कर रहे हैं क्योंकि हमें पूर्ण विश्वास है कि एक विद्यार्थी जो हमारे शांति आन्दोलन का हिस्सा है, अपने सम्पूर्ण अध्ययन काल में एवं अपने पूरे जीवन में किसी प्रकार की नकारात्मकता का विकास नहीं होने देगा एवं न ही कभी प्रकृति के नियमों का उलंघन करेगा। इस प्रकार अतिशीघ्र हमें ऐसे आदर्श नागरिक उपलब्ध होंगे जो आदर्श समाज की स्थापना करेंगे और जो स्थायी शान्ति की स्थापना के सिद्धांतों और कार्यक्रमों में आगे चलकर सक्रिय सहयोग करके शांतिपूर्ण अजेय भारत तथा अजेय विश्व परिवार का निर्माण करेंगे ।
जय गुरुदेव, जय महर्षि